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अगस्त 24, 2013

शिखर



हम सभी अपनी अभिलाषाओं के उच्चतम शिखर के आरोही हैं । यदि एक साथी हमारे साजो-सामान को चुरा लेता है तो हमें उस पर दया व्यक्त करनी चाहिए, क्योंकि हमें तो उसके कारण भार अनुभव होता था।

यह चोरी का भार उसके लिए तो चढ़ना दूभर कर देगा तथा उसका मार्ग लम्बा कर देगा । और यदि तुम उसे हाँफता हुआ देखो तो विनम्र भाव से उसे दो कदम सहायता पहुँचा दो । यह तुम्हारी चाल और भी त्वरित कर देगा ।

- खलील जिब्रान