Click here for Myspace Layouts

जून 30, 2012

दो विद्वान


एक प्राचीन नगर में किसी समय में दो विद्वान रहते थे । उनके विचारों में बड़ी भिन्नता थी । एक - दूसरे की विद्या की हँसी उड़ाते थे, क्योंकि उनमे से एक आस्तिक था और दूसरा नास्तिक।

एक दिन दोनों बाज़ार में मिले और अपने अनुयायियों की उपस्थिति में ईश्वर के अस्तित्व पर बहस करने लगे । घंटों बहस करने के बाद एक - दूसरे से अलग हुए।

उसी शाम को नास्तिक गिरजे में गया और वेदी के सामने सर झुकाकर अपने पिछले पापों के लिए क्षमा माँगने लगा । ठीक उसी समय दूसरे विद्वान ने भी, जो ईश्वर की सत्ता में विश्वास करता था, अपनी पुस्तकें जला डालीं क्योंकि अब वह नास्तिक बन गया था ।

- खलील जिब्रान 


जून 14, 2012

नई ख़ुशी


कल रात मैंने एक नई ख़ुशी का अविष्कार किया और जब मैं पहले-पहल उसका उपभोग कर रहा था तब एक देव और एक शैतान मेरे घर की ओर झपटते हुए आए । वे मेरे दरवाज़े पर एक-दूसरे से मिले और मेरी नई रचना के सम्बन्ध में परस्पर झगड़ने लगे ।

एक कहता था,    "यह पाप है।"
दूसरा कहता था, "यह पुण्य है।"

- खलील जिब्रान