Click here for Myspace Layouts

जनवरी 17, 2014

प्रेम



जो मृत्यु छीन लेती है 
कोई प्राणी लौटा नहीं सकता,

जिसे स्वर्ग ने आशीर्वाद दिया है
कोई प्राणी दंड नहीं दे सकता,

जिसे प्रेम ने एक कर दिया है 
कोई प्राणी अलग नहीं कर सकता,

जो नियति ने निश्चित कर दिया है
कोई प्राणी बदल नहीं सकता, 

- ख़लील ज़िब्रान 


5 टिप्‍पणियां:

  1. मृत्यु, स्वर्ग, प्रेम और नियति कहने को अलग अलग हैं पर चारों एक की ओर ही संकेत करते हैं...इसीलिए खलील जिब्रान ने चारों को ही प्राणी के बस के बाहर बताया है

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन...आपका ये प्रयास देख अच्छा लगा।।।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुंदर .........साझा करने के लिए धन्यवाद......

    जवाब देंहटाएं
  4. खलील‍ जिब्रान को पढ़ना एक अनुभव से गुजरना है।

    जवाब देंहटाएं

जो दे उसका भी भला....जो न दे उसका भी भला...