खलील जिब्रान विश्व के महान दार्शनिक,लेखक, चित्रकार और कवि हैं| उनकी रचनायें सारी दुनिया के लोगों के लिए एक अमूल्य धरोहर है|अंधविश्वासों और आडम्बरों के सख्त विरोधी खलील जिब्रान एक महान विचारक थे|इस ब्लॉग के ज़रिये मेरी एक छोटी सी कोशिश की मैं उनके अमूल्य विचारों को सरल भाषा में लोगों के सामने रख सकूँ ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उनको पढ़ और समझ सकें|
अगस्त 29, 2011
सुख
सुख एक मुक्तिगान है - किन्तु मुक्ति नहीं |
वह हमारी कामनाओं के फूल हैं, किन्तु फल नहीं |
वह पिंजरे से छूटे पंछी की उड़ान है, किन्तु उड़ान द्वारा पार किया गया आकाश नहीं |
जिब्रान जैसे संत हमें कहीं रुकने नहीं देना चाहते... सुख पर भी यात्रा खत्म नहीं होती क्योंकि हर सुख एक न एक दिन दुःख में बदलने ही वाला है... मुक्ति तो दुखके साथ साथ सुख के भी पार है...आभार!
bahut khob kya baat kahi aapne .bahut badhiya gagar me sagar bhar diya aapne....
जवाब देंहटाएंकिंतु उड़ान द्वारा पाया गया आकाश नहीं .... बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंजिब्रान जैसे संत हमें कहीं रुकने नहीं देना चाहते... सुख पर भी यात्रा खत्म नहीं होती क्योंकि हर सुख एक न एक दिन दुःख में बदलने ही वाला है... मुक्ति तो दुखके साथ साथ सुख के भी पार है...आभार!
जवाब देंहटाएंBahut sahi define kiya hai Sukh ko
जवाब देंहटाएंखलीज जिब्रान, एक दार्शनिक रचनाकार।
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ये रंगीन चित्रावलियाँ।
कसौटी पर शिखा वार्ष्णेय..
कितना सही कहा है ...सुख दुःख के बिना अधूरा ही है ...फिर मुक्ति कैसे हुआ ...
जवाब देंहटाएंabhar is gyanvardhan ke liye...