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अक्तूबर 29, 2011

सुख और दुःख


तुम्हारा सुख तुम्हारे दुःख का ही बेनकाब चेहरा है | दुःख जितनी गहराई तक तुम्हारे मन को तराशेगा, उतना ही सुख उसमे समा सकेगा | खुशियों के पलों में अपने दिल कि गहराइयों में झाँकों और तुम पाओगे कि जिस कारण ने तुम्हे दुःख पहुँचाया था, वही इस वक़्त तुम्हे सुख पहुँचा रहा है और शोक के पलों में फिर से अपने दिल में झाँकों और तुम पाओगे कि वास्तव में तुम उसी चीज़ के लिए रो रहे हो, जो कभी तुम्हारी ख़ुशी कि वजह रही है |

                                                                     - खलील जिब्रान

15 टिप्‍पणियां:

  1. गज़ब के विचार हैं मगर सत्य हैं।

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  2. सही लोग....
    जीवन के लिए सही बातें...
    सुख-दुःख एक दूसरे के पूरक हैं...

    ***punam***
    tumhare liye...
    bas yun...hi..
    aalekh..

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  3. शब्दश : सत्य वचन.. अपने निकष पर तौल कर देखा है मैंने भी..

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  4. खलील जिब्रान विचारक भी थे उनके विचार तो अच्छे लगे ..किन्तु आपका ब्लॉग भी बहुत अच्छा लगा ...सादर

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  5. बहुत सही कहा है खलील जिब्रान ने, सुख और दुःख एक ही सिक्के के दो पहलू हैं...जो सुख के लिये लालायित रहते हैं उन्हें दुःख के लिये भी तैयार रहना होगा.

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  6. तुम उस चीज़ के लिए रोते हो ,जो कभी तुम्हारी ख़ुशी की वजह रही है ....
    हम उसी के लिए रोते है जो हमारे पास नहीं होता
    होता है जब पास तो उसके होने का अहसास नहीं होता...
    दुःख में सुख को याद कर रोते हैं ..तो सुख में दुःख के पल याद कर ....दोनों ठीक से देखते कहाँ हैं ......?

    विचारों का खेल है ....मनन का मेल है .....बस और कुछ भी नहीं ....ये स्वयं का अनुभव है, जो स्वयं ही किया है ....
    विचार हम तक पहुँचाने का शुक्रिया ....अच्छा लगा पढकर ..अपने अनुभव की सत्यता की पुष्टि भी हो गई ....

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  7. बेनामीनवंबर 06, 2011

    @शुक्रिया अंजू जी.....आपने इतनी गहरे से पोस्ट को पड़ा और अपनी अमूल्य टिपण्णी दी|

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  8. जिब्रान साहब के कथन की व्याख्या अंजू जी ने बहुत अच्छी तरह की है

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  9. आपकी किसी पोस्ट की चर्चा है कल शनिवार (12-11-2011)को नयी-पुरानी हलचल पर .....कृपया अवश्य पधारें और समय निकल कर अपने अमूल्य विचारों से हमें अवगत कराएँ.धन्यवाद|

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  10. सही है।
    आज का दुःख कल खुशियों की अनुभूति देगा। शरद जोशी भी कहते हैं.. बड़ा दुःख छोटे दुःख को सुख में बदल देता है।

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  11. तुम्हारा सुख तुम्हारे दुःख का ही बेनकाब चेहरा है....
    सचमुच....
    सादर....

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  12. बेनामीनवंबर 13, 2011

    @ आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया |

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जो दे उसका भी भला....जो न दे उसका भी भला...