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सितंबर 07, 2010

काल



बीता हुआ कल तो आज कि स्मृति-मात्र है और आने वाला कल है आज का स्वप्न| वर्तमान से कह दो कि वह स्मृति-विभोर होकर अतीत का आलिंगन करे और प्रेमातुर होकर भविष्य का |
                                          - खलील जिब्रान