दूसरे व्यक्ति की वास्तविकता उसमें नहीं है, जो कुछ वह तुम पर व्यक्त करता है, बल्कि उसमें है जो कुछ वह तुम पर व्यक्त नहीं कर पाता।
इसलिए यदि तुम उसे जानना चाहते हो तो उसकी उन बातों को न सुनो, जिन्हें वह सुनाता है अपितु उन बातों को समझो, जिन्हें वह नहीं कह पाता।
- खलील जिब्रान