खलील जिब्रान विश्व के महान दार्शनिक,लेखक, चित्रकार और कवि हैं| उनकी रचनायें सारी दुनिया के लोगों के लिए एक अमूल्य धरोहर है|अंधविश्वासों और आडम्बरों के सख्त विरोधी खलील जिब्रान एक महान विचारक थे|इस ब्लॉग के ज़रिये मेरी एक छोटी सी कोशिश की मैं उनके अमूल्य विचारों को सरल भाषा में लोगों के सामने रख सकूँ ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उनको पढ़ और समझ सकें|
नवंबर 21, 2010
घर
तुम्हारा घर जहाज़ का लंगर न बने, बल्कि मस्तूल बने| तुम दरवाज़े में से गुज़र सको, इसके लिए तुम अपने पंख समेटो मत और कहीं छत से टकरा न जाएँ इसलिए सिरों को झुकाओ मत, कहीं दीवारें दरककर गिर न पड़े, इसलिए साँस लेने से डरो मत|
तुम उन मकबरों में मत रहो जो मुर्दों ने जीवितों के लिए बनाये हैं| भले ही तुम्हारा घर भव्य और सुन्दर न हो, लेकिन तुम्हारा घर न तो तुम्हारे राज़ों को छुपाये और न तुम्हारी तृष्णाओं का आश्रय हो|
क्योंकि वह जो तुममे अनंत है, आकाश के महल में रहता है, जिसका फाटक प्रभात का कोहरा है और जिसकी खिड़कियाँ रात की रागनियाँ और खामोशियाँ है |
-खलील जिब्रान
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