खलील जिब्रान विश्व के महान दार्शनिक,लेखक, चित्रकार और कवि हैं| उनकी रचनायें सारी दुनिया के लोगों के लिए एक अमूल्य धरोहर है|अंधविश्वासों और आडम्बरों के सख्त विरोधी खलील जिब्रान एक महान विचारक थे|इस ब्लॉग के ज़रिये मेरी एक छोटी सी कोशिश की मैं उनके अमूल्य विचारों को सरल भाषा में लोगों के सामने रख सकूँ ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उनको पढ़ और समझ सकें|
नवंबर 21, 2010
घर
तुम्हारा घर जहाज़ का लंगर न बने, बल्कि मस्तूल बने| तुम दरवाज़े में से गुज़र सको, इसके लिए तुम अपने पंख समेटो मत और कहीं छत से टकरा न जाएँ इसलिए सिरों को झुकाओ मत, कहीं दीवारें दरककर गिर न पड़े, इसलिए साँस लेने से डरो मत|
तुम उन मकबरों में मत रहो जो मुर्दों ने जीवितों के लिए बनाये हैं| भले ही तुम्हारा घर भव्य और सुन्दर न हो, लेकिन तुम्हारा घर न तो तुम्हारे राज़ों को छुपाये और न तुम्हारी तृष्णाओं का आश्रय हो|
क्योंकि वह जो तुममे अनंत है, आकाश के महल में रहता है, जिसका फाटक प्रभात का कोहरा है और जिसकी खिड़कियाँ रात की रागनियाँ और खामोशियाँ है |
-खलील जिब्रान
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अद्भुत विचार हैं खलील जिब्रान के, क्योंकि हम यात्री हैं हमारा घर मस्तूल होना ही चाहिए, मान्यताओं की कमजोर दीवारें, संकीर्णताओं की नीची छतें, पूर्वाग्रहों के कारण संकरे दरवाजे हमारे अनंत स्वरूप को व्यक्त ही नहीं होने देते, जिसके लिये आकाश से रत्ती भर भी कम जगह पर्याप्त नहीं है !
जवाब देंहटाएंज़िन्दगी का पूरा फलसफा भरा है इन पंक्तियों में !
जवाब देंहटाएंआदमी को जीने का सही रास्ता दिखाती हैं ये !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
सीधी साधी बातों को बहुत ही सीधी साधी हिन्दी में लिखा, अन्य किसी भी मक्सद के करीब नहीं गये इसका शुक्रिया।
जवाब देंहटाएंबहुत से लोग बहुत कुछ जानते हैं पर फिर भी भेड़चाल से अलग नहीं होते, पता नहीं क्यों ? कबीर, खलील जिब्रान, गुरूनानक को पढ़कर भी लोग हिन्दू या मुसलमानपने से उबर नहीं पाते - पता नहीं क्यों ? वेद कुरान गीता बाइबल पढ़कर भी लोग इंसान नहीं बन पाते- पता नहीं क्यों ?
bahut sundar prastuti...
जवाब देंहटाएंbahut khubsurati se sweet home ka bhakaan kiya hai...bahut bahut bhadai imran ji
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