एक लोमड़ी ने सुबह के वक़्त अपनी छाया पर दृष्टि डाली और कहा, "मुझे आज नाश्ते के लिए एक ऊँट मिलना ही चाहिए।"
उसने सुबह का सारा वक़्त ऊँट की तलाश में घूमते हुए गुज़ार दिया, लेकिन जब दोपहर को उसने दूसरी बार अपनी छाया देखी तो कहा, " मेरे लिए तो एक चूहा ही काफी होगा।"
- खलील जिब्रान