मेरा घर मुझसे कहता है "मुझे मत छोड़ना क्योंकि तुम्हारा अतीत यहीं गुज़रा है"
और रास्ता कहता है " जाओ, मेरा अनुसरण करो क्योंकि मैं तुम्हारा भविष्य हूँ"
और मैं घर और रास्ते दोनों से कहता हूँ, " न कोई मेरा अतीत है, न कोई मेरा भविष्य है । अगर मैं यहाँ रूक भी जाऊँ तो मेरे रुकने में भी गति है और अगर मैं जाता हूँ तो मेरे चलने में भी स्थिरता है । केवल प्रेम और मृत्यु ही प्रसंग को बदल सकते हैं ।"
- खलील जिब्रान