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अगस्त 29, 2011

सुख


सुख एक मुक्तिगान है - किन्तु मुक्ति नहीं | 
वह हमारी कामनाओं के फूल हैं, किन्तु फल नहीं |
वह पिंजरे से छूटे पंछी की उड़ान है, किन्तु उड़ान द्वारा पार किया गया आकाश नहीं |

                                                              - खलील जिब्रान 


अगस्त 11, 2011

मुक्ति


तुम्हारे दिनों पर किसी चिंता का भार न हो और तुम्हारी रातों पर किसी आभाव या पीड़ा का | तब तुम निश्चय ही मुक्त हो जाओगे |परन्तु तुम्हारी वास्तविक मुक्ति वही कहलाएगी, जब यह बाधाएँ तुम्हारे जीवन को घेरें रहें और इसके बावजूद तुम इनसे ऊपर उठ जाओ......नग्न और निर्बाध |
                                                                   - खलील जिब्रान