खलील जिब्रान विश्व के महान दार्शनिक,लेखक, चित्रकार और कवि हैं| उनकी रचनायें सारी दुनिया के लोगों के लिए एक अमूल्य धरोहर है|अंधविश्वासों और आडम्बरों के सख्त विरोधी खलील जिब्रान एक महान विचारक थे|इस ब्लॉग के ज़रिये मेरी एक छोटी सी कोशिश की मैं उनके अमूल्य विचारों को सरल भाषा में लोगों के सामने रख सकूँ ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उनको पढ़ और समझ सकें|
काश की ऐसा हो पता...!!!
जवाब देंहटाएं***punam***
बहुत सही .... ।
जवाब देंहटाएंखलील जिब्रान कहना चाहते हैं कि यदि हम चाहें तो हम बादल पर बैठ सकते हैं ! वास्तव में आकाश केवल बाहर ही नहीं हमारे भीतर भी है जिसे चिदाकाश कहते हैं जहाँ जाकर सारे भेद मिट जाते हैं.....
जवाब देंहटाएं@ अनीता जी बिलकुल सही कहा आपने.....बादल का यहाँ यही मतलब है |
जवाब देंहटाएंutkrisht darshan
जवाब देंहटाएंin the plane...one feel the same..
जवाब देंहटाएंसच है, सीमाएं प्रकृति ने नहीं, वो तो हमने खींची हैं।
जवाब देंहटाएंbilkul sahi kaha hai...
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