खलील जिब्रान विश्व के महान दार्शनिक,लेखक, चित्रकार और कवि हैं| उनकी रचनायें सारी दुनिया के लोगों के लिए एक अमूल्य धरोहर है|अंधविश्वासों और आडम्बरों के सख्त विरोधी खलील जिब्रान एक महान विचारक थे|इस ब्लॉग के ज़रिये मेरी एक छोटी सी कोशिश की मैं उनके अमूल्य विचारों को सरल भाषा में लोगों के सामने रख सकूँ ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उनको पढ़ और समझ सकें|
अपने दर्द के काफी अंश को तुम खुद चुनते हो ..बिल्कुल सच कहा है ... बेहतरीन प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंhamari samajh ko gher rakhna hi behatar hai varna dard ke bina jivan bhi to nahi
जवाब देंहटाएंहर दर्द हमारे खुद के चुनाव से आता है...और हमारी नासमझी का ही सबूत है...बहुत सही कहा है खलील जिब्रान ने इस सुंदर सूत्र में. आभार!
जवाब देंहटाएंसत्य वचन .... समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
जवाब देंहटाएंhttp://mhare-anubhav.blogspot.com/2011/11/blog-post_20.html
कई बार पढ़ गयी...!.
जवाब देंहटाएंसही कहा है...
अपने दर्द के जिम्मेदार हम खुद होते हैं...!!
खलील जी बहुत सही कहा आपने दर्द क के काफी अंश हम खुद चुनते है बहुत ही सुंदर
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग में स्वागत है
बहुत रोचक और सुंदर प्रस्तुति.। मेरे नए पोस्ट पर (हरिवंश राय बच्चन) आपका स्वागत है । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंbilkul sahi kaha hai...thanks
जवाब देंहटाएंसच है ...
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