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सितंबर 07, 2010

काल



बीता हुआ कल तो आज कि स्मृति-मात्र है और आने वाला कल है आज का स्वप्न| वर्तमान से कह दो कि वह स्मृति-विभोर होकर अतीत का आलिंगन करे और प्रेमातुर होकर भविष्य का |
                                          - खलील जिब्रान 

2 टिप्‍पणियां:

  1. जितने सुंदर भाव हैं उतने ही सुंदर शब्द भी, खलील जिब्रान की एक पुस्तक मैंने बहुत पहले पढ़ी थी दिल को छू जाने वाली भाषा है उनकी. आपको बधाई कि एक महान लेखक से हमारा पुनः परिचय कराया .

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जो दे उसका भी भला....जो न दे उसका भी भला...