खलील जिब्रान विश्व के महान दार्शनिक,लेखक, चित्रकार और कवि हैं| उनकी रचनायें सारी दुनिया के लोगों के लिए एक अमूल्य धरोहर है|अंधविश्वासों और आडम्बरों के सख्त विरोधी खलील जिब्रान एक महान विचारक थे|इस ब्लॉग के ज़रिये मेरी एक छोटी सी कोशिश की मैं उनके अमूल्य विचारों को सरल भाषा में लोगों के सामने रख सकूँ ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उनको पढ़ और समझ सकें|
दिसंबर 26, 2010
खान - पान
काश तुम पृथ्वी की सुवास पर निर्भर और अमरबेल की भाँति केवल किरणों पर जीवित रह सकते|
लेकिन क्योंकि पेट भरने के लिए तुम्हे हिंसा करना और प्यास बुझाने के लिए नवजात बछड़े से उसकी माँ का दूध लूटना ही पड़ता है तो वह कार्य प्रभु की पूजा के रूप में करो , अपने थाल को बलिवेदी समझो|
किसी जीव को हलाल करते समय उससे अपने मन में कहो-
" जो शक्ति तुम्हारा वध कर रही है, उसी ने मुझे भी मार रखा है और मुझे भी खाया जायेगा, क्योंकि जिस कानून ने तुम्हें मेरे हाथों में सौंपा है, वो मुझे और भी शक्तिशाली हाथों में सौपेंगा|"
- खलील जिब्रान
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सच कहा आया है... ''जैसा अन्न वैसा मन'
जवाब देंहटाएं...सार्थक प्रस्तुति के लिए धन्यवाद
hridayasparshi
जवाब देंहटाएंwakai umda...
जवाब देंहटाएंSach hai......upar wale ka nyaay aise hi hota hai shayad.......
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