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दिसंबर 26, 2010

खान - पान


काश तुम पृथ्वी की सुवास पर निर्भर और अमरबेल की भाँति केवल किरणों पर जीवित रह सकते|

लेकिन क्योंकि पेट भरने के लिए तुम्हे हिंसा करना और प्यास बुझाने के लिए नवजात बछड़े से उसकी माँ का दूध लूटना ही पड़ता है तो वह कार्य प्रभु की पूजा के रूप में करो , अपने थाल को बलिवेदी समझो|

किसी जीव को हलाल करते समय उससे अपने मन में कहो-

" जो शक्ति तुम्हारा वध कर रही है, उसी ने मुझे भी मार रखा है और मुझे भी खाया जायेगा, क्योंकि जिस कानून ने तुम्हें मेरे हाथों में सौंपा है, वो मुझे और भी शक्तिशाली हाथों में सौपेंगा|"

                                                                        - खलील जिब्रान

4 टिप्‍पणियां:

जो दे उसका भी भला....जो न दे उसका भी भला...