खलील जिब्रान विश्व के महान दार्शनिक,लेखक, चित्रकार और कवि हैं| उनकी रचनायें सारी दुनिया के लोगों के लिए एक अमूल्य धरोहर है|अंधविश्वासों और आडम्बरों के सख्त विरोधी खलील जिब्रान एक महान विचारक थे|इस ब्लॉग के ज़रिये मेरी एक छोटी सी कोशिश की मैं उनके अमूल्य विचारों को सरल भाषा में लोगों के सामने रख सकूँ ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उनको पढ़ और समझ सकें|
गहन भाव लिए बेहतरीन प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया सदा जी।
हटाएंवाह ! कैसी अनोखी बात...एक ही रचना को पुण्य और पाप बताते थे वे लोग, इसका अर्थ हुआ कि जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि, चीजों में अपना कुछ भी नहीं होता सब कुछ देखने वाले की नजर पर निर्भर करता है, बहुत सुंदर विचार ! हमें बस अपनी नजर को स्वच्छ करना होगा...
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही कहा आपने अनीता जी दृष्टि ही सृष्टि बन जाती है ।
हटाएंचिंतन योग्य पोस्ट. सुन्दर.. थोड़ी विस्तृत होती तो और अच्छा था. सच मच हर बातों के दो पहलू है.
जवाब देंहटाएंआभार.
शुक्रिया संतोष जी.....बात में मर्म होना ज़रूरी है फिर लम्बाई मायने नहीं रखती ।
हटाएंवाह क्या बात है सभी विचार पढे सभी बहुत ही सटीक एवं सार्थक लगे।
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